आबूरोड 29 अक्टूबर निसं- ब्रह्माकुमारीज माउंट आबू में समाज सेवा प्रभाग द्वारा आयोजित 4 दिवसीय समाज सेवियों के सम्मेलन-समापन सत्र में बह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी ने कहा कि यदि स्वयं में सच्चाई, सफाई और सादगी लायेंगे तो एक खुशहाल जीवन जी पायेेंगे। आपस में प्रेम की भावना रखनी है क्योंकि संगठन से ही किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त होगी। वे समापन सत्र में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रही थी।
आगे उन्होंने कहा कि स्वयं को पहचानना है। परमात्मा हमें नैतिक मूल्यों का ज्ञान देने आये हंै हम सभी को इसका लाभ लेना चाहिए। आत्म परिवर्तन से ही विश्व परिवर्तन होगा। आज जीवन में हर कोई सुख-शांति चाहता है। परन्तु भौतिकता की दौड़ उससे दूर लेकर जा रही है। मैं और मेरे का अर्थ जिस दिन इंसान समझ जायेगा उसी दिन से उसके जीवन में सुख और शांति की दस्तक होने लगेगी। यह सम्भव राजयोग से सहज ही होगा। समाज सेवियों को इस पर विचार करना चाहिए।
इस अवसर पर राजस्थान बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सब को मिलकर इस समाज को आध्यात्मिकता के प्रति जागरूक करना होगा। आज समाज सेवा का अर्थ बदल गया है लोग उसे प्रचार-प्रसार के रूप में लेने लगे हंै। उन्होंने कहा कि हर एक माता-पिता को अपने बच्चों की परवरिश के साथ उसे ज्ञान, दान, क्षमा और शील के बारे में भी शिक्षित करना चाहिए। जिससे वह समाज का जिम्मेदार नागरिक बन सके।
महाराष्ट्र के विधायक बलराम पाटिल ने कहा कि जिस तरह शरीर के लिए भोजन आवश्यक है उसी तरह नैतिक शिक्षा भी हमारे जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि आज लोग मूल्य ज्ञान को समझ ही नहीं पा रहे हैं उनके पास इन चींजो के लिए समय नहीं रहता। नेपाल के संयुक्त सचिव रमेशकुमार अधिकारी ने अपने विचार अंग्रेजी में व्यक्त किये। उन्होंने कहा आज हर जगह नेगेटिविटि बड़ गयी है। राजयोग के द्वारा ही हमारे में पॉजिटिविटि आयेंगी। समाज को पॉजिटिव की ओर ले जाने के लिए हमें स्किलफूल, मर्सीफूल और ड्यूटीफूल होना चाहिए। बह्माकुमारीज का धन्यवाद की पात्र है जो विश्व परिवर्तन का कार्य कर रही है।
ब्रह्माकुमारीज मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करूणा भाई ने प्रधानमंत्री जी का जिक्र करते हुए कहा कि 80 वर्षो से जो संस्था काम कर रही है वह साधारण नहीं हो सकती। जब तक मानव का विकास नहीं होगा तब तक समाज का विकास नहीं होगा। वैज्ञानिक एवं इंजीनियर प्रभाग के राष्ट्रीय निदेशक बीके मोहन सिंहल, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शीलू समेत कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन समाज सेवा प्रभाग की सदस्या बीके भावना ने किया।