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Delhi

Man ki Baat Apnon Ke Sath

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Organised a family meet for children and their parents titled “Man ki Baat Apnon Ke Sath” at Brahmakumaris Om Shanti Retreat Centre. Hon. Jual Oram, Union Minister, Tribal Affairs Govt. of India and Smt Abhaa Mahato, MP, Jharkhand joined to address the audience.
BK Asha Didi, BK Brij Mohan Bhai, Chief Guest
Hon. ​​ J​ual Oram, Cabinet Minister
Activites with Children
Smt Abhaa Mahato
Audience

प्रेस विज्ञप्ति
11 मई 2017, गुरूग्राम
ओम् ​शांति
रिट्रीट सेन्टर में बच्चों एवं उनके माता-पिता के लिए मन की बात अपनों के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें 8 से 17 वर्श के बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम में ज्यादातर लोगों ने अपने जीवन से जुड़ी हुई बातों व घटनाओं के बारे में जिक्र किया व समाधान के लिए सुझाव प्राप्त किये। बच्चों को 8 से 12 एवं 13 से 17 वर्श के दो आयु वर्गों में बाँटकर अनेक एक्टिविटीज़ भी कराई गई।
इस अवसर विषेश रूप से भारत सरकार के केन्द्रीय जनजातीय मंत्री माननीय जोल ओरम भी उपस्थित थे। बच्चों एवं पेरेंन्ट्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मनुश्य का सबसे अच्छा मित्र उसका मन है। मन को जो अच्छा लगता है हम वही करते हैं। इसलिए अगर हम समाज में बदलाव लाना चाहते हैं तो अपने मन को बदलने की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि मन को दबाना व मारना नहीं है बल्कि मन को बड़े प्यार से समझाना है, प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि माता-पिता के जैसेे संस्कार होंगे बच्चों में वो अवष्य आयेंगे।
जमषेदपुर, झारखण्ड की सांसद आभा महतो ने बताया कि पहले जमाने में गुरूकुल की व्यवस्था होती थी, जिसमें बच्चों को बहुत कुछ सिखाया जाता था। लेकिन आज वैसा नहीं है, इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों पर विषेश ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज मन की बात करने का किसी के पास समय ही नहीं है। हरेक का समय मोबाइल, नेट एवं टीबी के साथ गुजरता है। सम्बन्ध सिर्फ नाम के रह गये हैं।
इस अवसर पर संस्था के अतिरिक्त सचिव ब्रजमोहन जी ने कहा कि मनुश्य जो भी करता है उसका फल वो स्वयं ही प्राप्त करता है। जब हम कर्मों की गहन गति को जान लेते हैं, तो हमसे कोई भी ऐसा कर्म नहीं होगा जो दुःखदाई हो। उन्होंने कहा कि भारत की सभ्यता बहुत प्राचीन है। परिवार की परम्परा केवल भारत में ही है। विष्व की अनेक सभ्यताएं आई और उनका पतन हुआ लेकिन भारतीय सभ्यता आज भी वैसी ही बनी हुई है।
ओआरसी की ​निदेशिका
राजयोगिनी आ​शा ​

दीदी ने कहा कि सदैव सीखने की भावना ही हमेषा युवा बनाकर रखती है। उन्होंने दादी जानकी जी का उदाहरण देते हुए कहा कि आज 101 वर्श की आयु में भी दादी जी इतनी बड़ी संस्था का बखूबी संचालन कर रही है और सदैव अपने को युवा समझती हैं। कार्यक्रम में 700 से भी अधिक लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन बी॰ के॰ फाल्गुनी ने किया।
कैप्षन- 1ः माननीय जोल ओरम, जनजातीय मंत्री भारत सरकार
2ः सांसद आभा महतो
3ः आषादीदी माननीय मंत्री जी को ईष्वरीय सौगात भेंट करते हुए
4ः राजयोगी ब्रजमोहन भाई
5ः मंचासीन बाएं से आभा महतो, ब्रजमोहन भाई, माननीय मंत्री एवं आषादीदी
6ः सभा में उपस्थित जन समूह

Source: Delhi

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