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Abu Road – Media Wing E-Conference -मीडियाकर्मियों के लिए आयोजित ई-सम्मेलन

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सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन के लिए मीडियाकर्मियों के सकारात्मक बदलाव की जरूरत-एन के सिंह
समाज के विनाश से बचान के लिए आध्यात्मिक विकास की आवश्यकता-दादी रतनमोहिनी
आबू रोड, 25 मई, निसं। वर्तमान समय भारत सहित पूरी दुनिया में नैतिक मूल्यों का पतन हुआ है। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। यहॉं भी समाज का एक इकाई मनुष्य ही है जो अपनी भूमिका लेकर खड़ा है। सामाजिक उत्तरदायत्वि के लिए मीडियाकर्मियों को अन्दर से बदलने की जरूरत है। उक्त विचार दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार तथा ब्राडाकस्ट संघ के पूर्व सचिव एनके सिंह ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मीडिया प्रभाग द्वारा मीडियाकर्मियों के लिए आयोजित ई-सम्मेलन में वेबिनान के जरिए सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मनुष्यता की तिलांजलि समाज को पतन के सागर में ढकेल रही है। ऐसे में समाज की कोई भी व्यवस्था छिन्न भिन्न हुए बिना नही रह सकती है। इसलिए मनुष्य के अपने अन्दर झांकना चाहिए कि आखिर हमारी मानवता के दृष्टिकोण में मूल्यों का स्थान कहा हैं। ब्रह्माकुमारीज संस्थान साधुवाद का पात्र है जिसने पूरे देश व दुनिया में मूल्यों को लेकर क्रांति की और आज वह मनुष्य को श्रेष्ठ मनुष्य बनाने में कामयाब हो रही है।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि हम सब एक इंसान है जिसका मकसद अच्छा देश और अच्छा समाज बनाना है। लेकिन जिस तरह से देश दुनिया में मानवीय मूल्यों का पतन हो रहा है इससे संदेह पैदा हो गया है कि हम मानव लोक में है या आसुरी दुनिया में। बिना आंखों से दिखने वाले एक वायरस ने समस्त मानव जाति को काल के मुंह में ढकेलता जा रहा है। इससे बचाव का सबसे पहला जो बड़ा कदम है वह है स्वच्छता और सामाजिक दूरी। इससे यह विदित होता है कि हमें इस जीवन पद्वति को अपना लेना चाहिए। लेकिन आत्मबल और आध्यात्म के जरिए इससे जीता जा सकता है। इसके लिए राजयोग ध्यान कारगर है।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्था के महासचिव बीके निर्वेर ने कहा कि इस मुश्किल की घड़ी में मीडियाकर्मी अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों केा अच्छी तरह से पूरा कर रहे हैं। परन्तु यह सामाजिक उत्तर दायित्व को बोध हमारे जीवन का अंग बन जाये इसके लिए आन्तरिक बदलाव की पहल जरूरी है। अतिरिक्त महासचिव बीके बीके बृजमोहन ने कहा कि यदि मानव में इसी तरह नैतिक मूल्यों की गिरावट होती रही तो वह एक दिन दानव बन जायेगा।
वेबिनार के जरिए भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार तथा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो0 कमल दीक्षित ने चिंता जताते हुए कहा कि हमारे समाज से मानवीय मूल्यों का जाना आने वाले खतरनाक समय का संकेत है। इसलिए आन्तरिक बदलाव की जरूरत है। जीवन प्रबन्धन विशेष बीके शिवानी ने कहा कि मीडियाकर्मियों को अपने मन और अपनी सोच को हील करने की आवश्यकता है। क्योंकि इससे सबसे पहले प्रभावित वे खुद और उनका परिवार होता है।
इस ई-समारोह में मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करूणा ने सभी मीडियाकर्मियों से आह्वान किया कि वे अपना और दूसरों के जीवन में मानवीय मूल्यों क बीजारोपण के लिए प्रयास करें।

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