Hundreds of Women took part in the “Save Daughter, Empower Daughter” event organised by Rural Development Division and Brahma Kumaris at Kadma, Haryana. Women and Child Development Officer, Geeta Saharan, Nirmal Sharma, BK Urmila, Editor of Gyanamrit magazine from Mount Abu, BK Vasudha, Rural Development Division Chairman Rajendra Yadav, activist MahiPal Arya etc. took part in the candle lighting Ceremony. Rajyogini BK Urmila from Mount Abu asked, when parents are in need, the daughters stand like shadow with them, then why don’t mothers let this invaluable gift of God come into this world? Today daughters in every field are glorifying the name of their state and the nation. Then why are the daughters killed in the womb itself? Warning the men in the society she said now its not the time of women’s equality but now its the time for their independence. Daughters have proven that in every sphere of life we have the ability to walk beyond the sons. Reffering to the various child welfare programmes she said that with the government, the society will also have to awaken or the daughters will continue to die in the womb.The centre and the State Government may provide economic or legal protection but the rites of ethical conduct will have to learnt by the society itself. Women and Child Development Officer, Nirmal Sharma of Dadri First Section said that this is an unique example of social and spiritual services done by the Brahma Kumaris.
ऋषि मुनियों की धरा पर अजन्मी कन्याओं के हत्यारे समाज को कलंकित कर रहे हैं ग्रामीण विकास मंडल और ब्रह्माकुमारीज के संयुक्त तत्वावधान में कादमा में आयोजित “बेटी बचाओ सशक्त बनाओ “कार्यक्रम में माउंट आबू से पधारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उर्मिला बहन ने यह विचार व्यक्त किए ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र कादमा में सुकन्या समर्पित आयोजन में बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं से रूबरू उर्मिला बहन ने पूछा जब मां-बाप को जरूरत पड़े तो बेटी साए की तरह साथ खड़ी मिलती है तो उस परमात्मा की अमूल्य देन को दुनिया में आने क्यों नहीं देती ।आज तो बेटियां ही हर क्षेत्र में घर गांव राष्ट्र का नाम ऊंचा कर रही है। फिर उन बेटियों को कोख में क्यों मार देते हैं ब्रह्माकुमारी बहन ने पुरुष समाज को चेतावनी देते हुए कहा कि अब महिला समानता नहीं स्वतंत्रता का समय आ गया है बेटियों ने सिद्ध कर दिया है कि जीवन के हर क्षेत्र में हम बेटों से आगे चलने की सामर्थ्य रखती हैं ।बाढडा कि महिला एवं बाल विकास अधिकारी गीता साहरण ने विभाग द्वारा संचालित महिला एवं r।केंद्र और राज्य सरकार आर्थिक अथवा कानूनी संरक्षण दे तो सकती है लेकिन नैतिक आचरण के संस्कार समाज ही सिखा सकता है। दादरी की महिला एवं बाल विकास अधिकारी निर्मल शर्मा ने ग्रामीण विकास मंडल और ब्रह्माकुमारीज के इस अभियान की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सामाजिक और आध्यात्मिक सेवा की अनूठी मिसाल है वर्ष 2017 में जन्मी 35 कन्याओं माताओं को सम्मानित करते हुए उन्होंने कहा आयोजक संस्थाएं हमा हमारा काम कर रही है इसके लिए यह साधुवाद के पात्र हैं सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र कुमार ने बालिका का दुष्कर्म की घटनाओं पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा यह समस्त पुरुष समाज के समक्ष यक्ष प्रश्न है कि हम संरक्षक हैं या भक्षक हैं यदि हम अबोध कन्याओं की रक्षा करने में सक्षम नहीं है तो महिला समाज को संपूर्ण आजादी दो हम महिलाओं को पर्दे में रख कर क्या सिद्ध करना चाहते हैं । 21वीं सदी का भारत पाषाण युग में लौट रहा है आज नहीं तो कल शाम महिलाओं को शस्त्र उठाने पड़े तो अच्छा है इस अवसर पर कादमा सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने कहा आध्यात्मिक ज्ञान ही इस संकट से हमें निकाल सकता है यह ईश्वरीय विश्वविद्यालय इसलिए सब परिवर्तन की बात करता है उन्होंने बेटी बचाओ कार्यक्रम प्रत्येक गांव तक ले जाने का संकल्प दोहराया ।इस अवसर पर समाज सेवी महिपाल आर्य ने बेटियों की महिमा पर अपने विचार व्यक्त किए ब्रह्माकुमारी नीलम वंशिका की कविता ने सब को अंदर से झकझोर दिया हर्षिका सोनाक्षी ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। मंच का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने किया इस अवसर पर सैकड़ों महिलाएं उपस्थित थी।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया गया।