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बहल(हरियाणा)में पिताश्री ब्रह्मा बाबा की 143 वीं जयंती पर कार्यक्रम ।

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थापना सन 1937 में हुई जिस के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का जन्म 15 दिसंबर 1876 मैं हुआ था। विश्वविद्यालय की ओर से आज ब्रह्मा बाबा का 143 वां जन्मदिन मनाया गया| इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज के बहल सेवा केंद्र पर सनेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बहल और आसपास के गांव से अनेक भाई बहनों ने भाग लिया। ब्रह्मा बाबा बचपन से ही उदार स्वभावी और दिव्य परख शक्ति के धनी थे । व्यावसायिक क्षेत्र में बाबा हीरे जवाहरात के बहुत बड़े व्यापारी थे जिनका व्यापार भारत के राजाओं से ही नहीं बल्कि दूर-दूर तक विदेशों के राजाओं के साथ भी था । बाबा उच्च कोटि की व्यवहार कुशलता और चरित्र के धनी थे । बाबा भक्त शिरोमणि भी थे और गरीबों के प्रति दया भाव रखते थे । उपर्युक्त शब्द बहल सेवा केंद्र की मुख्य संचालिका शकुंतला बहन ने व्यक्त किए । बहन जी ने बताया कि ब्रह्मा बाबा बहुत बड़ी विशाल संपत्ति के मालिक थे और जैसे ही परमात्मा उनके तन में अवतरित हुए तो एक फलक से उन्होंने अपने कारोबार को समेटते हुए सारी संपत्ति को एक ट्रस्ट बनाकर उस ट्रस्ट के नाम कर दिया । बाबा का वह त्याग ही है जिसका फल आज हम सभी के सामने है । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आज विश्व की सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था के रूप में हम सबके सामने है। ब्रह्मा बाबा के द्वारा स्थापित किए गए आदर्श आज पूरे विश्व में लाखों लोगों का आध्यात्मिक पोषण कर रहे हैं । हम सभी ब्रम्हा वत्स उस महामानव के महान त्याग को कोटि-कोटि नमन करते हैं।  इसके बाद बहन शकुंतला ने  ब्रह्माकुमारी आश्रम में  कुछ समय से समर्पित हुई बहन मीनू का माला पहनाकर  स्वागत किया।  कार्यक्रम में नन्हे नन्हे बच्चों ने ब्रह्मा बाबा की जीवन कहानी आधारित एक नाटिका प्रस्तुत की और बाबा की जीवन कहानी पर आधारित एक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया । इस प्रश्नोत्तरी में प्रथम स्थान ब्रह्माकुमार कमल भाई ने, द्वितीय स्थान ब्रह्माकुमार लक्ष्मण भाई ने और तृतीय स्थान ब्रह्माकुमार अशोक भाई ने प्राप्त किया । बहन जी नें  सभी विजेताओं को उपहार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के बाद सभी को ब्रह्मा भोजन प्रदान किया गया।  इस अवसर पर ब्रह्मा कुमार अशोक, ब्रह्माकुमार राम सिंह , ब्रह्माकुमार प्राध्यापक प्रमोद, ब्रह्मा कुमार सुनील, बहन पूनम,  बहन मीनू , बहन सुधा आदि मौजूद रहे।

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