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Abu Road- Vice-President of India, M. Venkaiah Naidu Inaugurates Global Summit

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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने संबोधन में इन विषयों पर किया फोकस….
1. आध्यात्म… उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि आध्यात्म भारत की पुरातन संस्कृति है। गीता स्वयं ईश्वरीय उपदेश है। महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध, स्वामी विवेकानंद, संत रविदास, गुरुनानकदेव आदि महापुरुषों- संतों ने समाज को आध्यात्म के जरिएनई दिशा दी है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान भी आध्यात्म और राजयोग मेडिटेशन का संदेश विश्व के 140 देशों में अपने आठ हजार से अधिक सेवाकेंद्रों के माध्यम से दे रहा है। आध्यात्म से ही विश्व में एकता, शांति, समृद्धि आएगी।हमारा विश्वास, हमारी निष्ठा वसुधैव कुटुम्बकम् में रही है। सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया: की भावना की हमारी संस्कृति है। जीओ और जीने दो की परिपाटी है। माधव सेवा ही मानव सेवा हमारा संस्कार रहा है। स्वयं को खोजना ही आध्यात्म है।
2. धर्म… उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि आध्यात्म ही धर्म का मूल उद्देश्य है। अपने अस्तित्व का वही विश्लेषण कर सकता है जो खुद से प्रश्न करना जानता हो और अपनी खोज करने में समर्थ रखता हो। जब व्यक्ति के मन में धर्म के नाम पर हिंसा और आतंक का तांडव होने लगता है तो समाज भेदभाव, संकीर्ण भावना का शिकार हो जाता है। हमें इससे बाहर निकलना होगा। जो लोकतंत्र के नाम पर आतंक फैला रहे हैं वह धर्म के विरोधी हैं।
3. शांति, समृद्धि और एकता… उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि दुनिया को पीस प्रोग्रेस की जरूरत है। कोई भी संघर्ष सबसे पहले मानव मस्तिष्क में जन्म लेता है। संघर्ष के विरुद्ध शिक्षा और आध्यात्मिक ज्ञान ही विश्व में सच्ची शांति, एकता, समरसता और स्वायित्व सुनिश्चित कर सकता है। आध्यात्मिक ज्ञान से ही दुनिया में शांति और सद्भाव आ सकता है। आध्यात्मिक ज्ञान में ही वह शक्ति है जो विश्व को एकता के सूत्र में बांध सकता है।
4. आतंकवाद…. उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि हमने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया है क्योंकि हमारी भावना वसुधैव कुटुम्बकम् की रही है। आतंकवाद मानव का दुश्मन है। आज आतंकवाद के विरुद्ध सभी देशों को मिलकर प्रयास करना होंगे, सभी को आगे आना होगा। पूरी दुनिया को एकसाथ आतंकवाद को खत्म करने के लिए कदम उठाने होंगे। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि दुनिया के सामने च्वॉइस है कि आपको अमन, सुख-शांति चाहिए या रक्तपात? हम पर सभी को विचार करने की जरूरत है। जो देश दुनिया में आतंक फैला रहे हैं, रक्तपात फैला रहे हैं उन्हें सद्बुद्धि की जरूरत है।
5. पर्यावरण… हमारे कल्चर में नेचर के प्रति प्यार होना चाहिए तो फ्यूचर बैटर होगा। ब्रह्माकुमारी संस्था जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण को लेकर बहुत बहुत गंभीरपूर्वक प्रयास कर रही है। संस्था द्वारा हर वर्ष विश्वभर में न केवल लाखों की संख्या में पौधे रोपे जा रहे हैं बल्कि उनका एक परिवार की तरह पालन-पोषण करना पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है।
6 . ब्रह्माकुमारीज के बारे में: उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी को ब्रांड एंबेसेडर बनाया है। संस्था ने अपने प्रयासों से समाज में स्वच्छता का संदेश देने का सराहनीय प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने संयुक्त संघ में संदेश दिया है कि स्वच्छता ही सेवा है। संस्था ने विश्व शांति के लिए अपने अभियानों में अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया है। इसके लिएहमारे पूर्व प्रधानमंत्री माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि को सम्मानित किया था। साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने संस्था को सात अंतरराष्ट्रीय शांतिदूत पुरस्कारों से सम्मानित किया है। संस्था बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, महिला सशक्तिकरण को लेकर समाज में नव संदेश देने के साथ जागरूक कर रही है।
यहां नारी का आध्यात्मिक सशक्तिकरण देवत्व के भाव को साकार कर रहा है: राज्यपाल मिश्र
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आध्यात्मिकता महत्वपूर्ण और गंभीर विषय है। व्यक्ति-व्यक्ति से संबंधित है। अपनी आत्म जागृति को जागृत करना ही आध्यात्म है।पाप-पुण्य के विश्लेषण से अनुशासन की भावना जागृत होती है। इससे ही विश्व में शांति और समृद्धि आएगी।ये गौरव का विषय है कि ब्रह्माकुमारी संस्था नारी शक्ति द्वारा संचालित वैश्विक संगठन है। जो आध्यात्मिक ज्ञान से आगे बढ़ रही है और समाज को सकारात्मकता की ओर ले जा रही है। संस्था शुुरुआत में तमाम विरोधों के बाद भी 8 3 वर्षों में विश्वभर में आध्यात्मिक ज्ञान को पहुंचाया है। 103 साल की उम्र में भी दादी जानकी इसकी कुशल प्रशासक हैं ये योग से ही संभव है। नारी का आध्यात्मिक शक्तिकरण देवत्व के भाव को साकार कर रहा है। संस्था हर वर्ष लाखों की संख्या में पौधारोपण कर पर्यावरण बचाने का अभिनव प्रयास कर रही है। यहां से मानव जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने का प्रयास किया जा रहा है आज ऐसे प्रयासों की दुनिया को जरूरत है।
उपराष्ट्रपति ने ये संदेश भी दिया…
– नई आशाओं का नया भारत आकार ले रहा है। नव युवा भारत को बदलने की क्षमता रखता है।
– राजस्थान के लिए ये गौरव का विषय है कि ब्रह्माकुमारीज संस्था यहां से पूरे विश्व को आध्यात्म की रोशनी दे रही है।
– स्वयं को खोजना ही आध्यात्म है।
– व्यक्तिगत जीवन को सुखद बनाने के लिएआध्यात्मिक विकास जरूरी है।

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