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Gyan Sarovar: National Jurists Conference-cum-Retreat

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स्व परिवर्तन से होगा विश्व परिवर्तन : न्याय मूर्ति ईश्वरैया
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ज्ञान सरोवर ( आबू पर्वत ),२५ जून २०१६। आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था , न्याय विद प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मलेन का मुख्य विषय था -” क़ानून में नैतिक मूल्यों एवं नैतिकता (एथिक्स ) की भूमिका ” . दीप प्रज्वलित करके सम्मेलन का उद्घाटन सम्पन्न हुआ।

 
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायलय के पूर्व न्यायमूर्ति और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष व्ही ईश्वरैया ने आज के कार्य क्रम की  अध्यक्षता करते हुए कहा की ये दुःख की बात है की आज न्यायमूर्तियों और एडवोकेट्स के जीवन की बात करने की जरूरत आन पड़ी है क्योंकि उनके जीवन से भी मूल्यों का लोप हो गया है।  आपने दादी जानकी की प्रवचन का जिक्र किया और कहा की लव और लॉ के मध्य एक सनतुलन बन कर रखना होगा। इन दिनों मनु और याज्ञ वल्क्य आदि की बातों को लोग खारिज कर रहे हैं मगर ब्रह्मा कुमारीज द्वारा प्रदत्त ईश्वरीय ज्ञान को स्वीकार किया जा रहा है क्योंकि इसमें मूल्यों और सद्भावनाओं की बातें हैं। आपने एक महत्वपूर्ण बात कही की जब हम अपना जीवन मूल्यों से युक्त करते हैं तब हमारे बच्चे और अन्य भी मूल्यों को अपनाते हैं।  अतः मूल्यों  को अपनाया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति एम के मुद्गल , मध्य प्रदेश उच्च न्यायलय , ने मुख्य अतिथि के बतौर अपनी बातें रखी। आपने कहा कि आज विश्व आतंकवाद से प्रभावित है। कारण इसका यही है की नैतिक मूल्य और हमारी नैतिकता समाप्त प्राय सी हो गयी है। ब्रह्मा कुमारीज ध्यानाभ्यास के माध्यम से नैतिकता को मानव जीवन में प्रति रोपित कर रही हैं। ध्यानाभ्यास के माध्यम से आप उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करेंगे और फिर जीवन में मूल्यों को भी ग्रहण कर सकेंगे। हमने नैतिकता खो दी है – तभी आज न्याय प्राप्त करने में देर हो रही है। मूल्यों की हीनता के कारण ही समाज गर्त में चला गया है। समय बद्धता एक उत्तम मूल्य है। इसका ध्यान दिया जाना चाहिए। आपने कहा की ईमानदारी का बड़ा प्रभाव पड़ेगा। अपने फायदे के लिए क्लाइंट को फंसा कर रखना अनुचित होगा।
नेपाल सर्वोच्च न्यायलय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति राम कुमार प्रसाद शाह जी ने अपने उदगार भी उक्त अवसर पर प्रकट किये। आपने कहा कि यहां प्राप्त आत्मीय व्यवहार के प्रति हम आभार प्रकट करते हैं। दादी जानकी जी के कुशल नेतृत्व के प्रति हम अपनी ख़ुशी प्रकट करते हैं। हम सभी आत्मायें हैं। आत्माएं परमात्मा से मूल्यों से युक्त हैं। ब्रह्मा कुमारी बहने नेपाल में उत्तम आध्यात्मिक सेवा कर रही हैं। ये हमारा एक अविस्मरणीय अनुभव है। ब्रह्मा कुमारी बहने दुनिया भर में लोगों के चरित्र का निर्माण कर रही हैं। भौतिकता के कारण हमारे जीवन से मूल्यों का लोप होता जा रहा है। यह संस्था लोगों में प्रेम और भाईचारा के भाव को भरने का कार्य कर रही यहीं। ये स्तुत्य है। मूल्यों के बिना न्याय नहीं दिया जा पाएगा। अतः को और नैतिकता को जीवन में स्थान देना ही होगा।
गुजरात उच्च न्यायलय के पूर्व न्याय मूर्ति तथा दिल्ली विधि आयोग के सदस्य रवि त्रिपाठी जी ने कहा कि नैतिकता और मूल्यों के बिना कोई भी कानून नहीं बनाया जा सकता है।  विधि निर्माताओं को पहले अपना जीवन मूल्यवान बनना होगा।  जिस प्रकार ब्रह्मा कुमारीज ने पहले अपने जीवन को पवित्र बनाया है तब संसार  को इसके लिए प्रेरित कर रही हैं।  इसका प्रभाव पड़ेगा और सादगी तथा प्रेम आएगा।  अपनी नैतिकता को बचा कर रखते  हुए जब आप न्याय देते हैं तब वह श्रेष्ठ होता है और स्वीकार्य होता है.
ओडिसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति  बी के पटेल  जी ने कहा कि क़ानून मोरल वैल्यूज के आधार पर ही बनाए जाते हैं।  कभी कभी ऐसा नहीं भी होता है।  जैसे शराब आदि से सम्बंधित क़ानून का क्या अर्थ है ? मगर क़ानून तो है।  न्याय प्रणाली को मूल्यों के आधार पर ही चलना चाहिए।  अन्यथा सामाजिक अन्याय होगा।
न्याय विद प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक राजयोगी बी एल महेश्वरी जी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज का हमारा विषय काफी महत्व्पूर्ण है। आपने विधि में नैतिक मूल्यों एवं नैतिकता से सम्बंधित अनेक उदहारण दिए और इस विषय पर एक सारगर्भित अकादमिक व्याख्यान दिया। अपने कहा की कोई भी मूल्य दिव्य है और उसको जीवन में अपनाया जाना चाहिए। प्रेम ,शांति ,सहयोग अदि सर्वोच्चा मूल्य हैं। इन मूल्यों से ही हमारा जीवन सुवासित होता है।
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